मुंबई : रुपयों के लिए मामा ने किया भांजी का कत्ल
मुंबई : द्वापर युग में एक राक्षस हुआ था कंस, जिसने अपनी सगी बहन के सात नवजात बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी, क्योंकि आकाशवाणी हुई थी कि बहन की आठवीं संतान उस राक्षस कंस की हत्या करेगी। अपने बुरे कर्मों के अंजाम के डर से राक्षस कंस, बहन की आठवीं संतान का इंतजार करके कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था और उसने बहन के बाकी सात नवजात बच्चों को भी मौत के घाट उतार दिया। इस तरह से उसके पाप का घड़ा और भरता गया और नियति के अनुसार बहन की आठवीं संतान यानी कृष्ण ने कंस का वध किया था। वह कंस तो मर गया था लेकिन उसी आसुरी प्रवृत्ति वाले कंस आज भी जन्म लेते हैं। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का एक ऐसा ही कंस मामा इन दिनों सुर्खियों में है। बहन की ३ वर्षीया मासूम बच्ची की हत्या करनेवाले उक्त राक्षस को अदालत ने उम्रवैâद की सजा सुनाई है।
६ साल पहले मिर्जापुर जिले के महुरिया गांव में हुई तीन साल की मासूम बच्ची की हत्या के आरोपी को अदालत ने उम्रवैâद की सजा सुनाई है। आरोपी ने बच्ची के नाम पर जमा रुपयों के कारण उक्त वारदात को अंजाम दिया था। अब अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्र की अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर २० हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर उसे दो वर्ष की अतिरिक्त वैâद भुगतनी पड़ेगी। घटना मिर्जापुर जिले करमा थाना क्षेत्र की है। अभय सिंह नामक शख्स ने २३ अक्टूबर, २०१५ को करमा पुलिस थाने में अपनी तीन साल की बेटी की हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी। मासूम बच्ची अपनी मां के साथ ननिहाल में आई थी, वहीं उसकी हत्या कर दी गई।
हुआ ऐसा था कि वर्ष २००९ में मिर्जापुर जिले के अदलहाट थानांतर्गत प्रतापपुर निवासी अभय सिंह का विवाह करमा थाना क्षेत्र के महुअरिया गांव निवासी रामदुलारे पटेल की बेटी अनीता के साथ हुआ था। विवाह कुछ दिन बाद अनीता ने एक बेटी प्रिया को जन्म दिया था। बाद में अनीता, अभय से अलग हो गई और वह किसी और के साथ रहने लगी थी। अनीता ने बेटी प्रिया को अपने मायके में नाना-नानी के पास छोड़ दिया था। इस दौरान अभय ने कई बार ससुराल जाकर बेटी प्रिया को अपने साथ ले जाने की कोशिश की लेकिन ससुर रामदुलारे पटेल ने उसे जाने नहीं दिया। वह सिर्फ यही कहते थे कि जब पांच वर्ष की हो जाएगी तभी भेजेंगे।
अभय के अनुसार जब प्रिया पैदा हुई थी तो उसे २० हजार रुपये का चेक सरकारी सहायता के रूप में मिला था, जो कि प्रिया के १८ वर्ष की होने पर एक लाख रुपए के रूप में मिलता। इसकी जानकारी रामदुलारे को थी। अभय ने बच्ची को साथ ले जाने का दबाव बढ़ाया तो रामदुलारे चिढ़ गया। प्रिया अपने पिता अभय के साथ जाएगी तो रुपए उसे मिलेंगे। ये सोचकर २३ अक्टूबर, २०१५ को सुबह प्रिया की किसी धारदार हथियार से गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई। तहरीर पर पुलिस ने नाना रामदुलारे पटेल के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया।