मानहानि मामले में मंत्री नवाब मलिक ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
मानहानि मामले में मंत्री नवाब मलिक ने हाई कोर्ट में दाखिल किया जवाब
मुंबई : राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेडे की ओर से दायर मानहानि के वाद में अपना जवाब दाखिल किया। उन्होंने दावा किया कि ज्ञानदेव वानखेडे की ओर उनके खिलाफ दायर किया गया मानहानि वाद समीर के गैर-कानूनी कृत्यों को छिपाने का एक प्रयास है। उन्होंने यह भी दावा किया उनका कोई बयान झूठा नहीं है। मलिक ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनका कोई भी बयान गलत नहीं था और उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के जरिए सरकारी तंत्र को समीर के खिलाफ सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिली, जोकि क्रूज पर कथित तौर पर ड्रग्स मामले समेत अन्य कई चर्चित मामलों की जांच कर रहे थे। हलफनामे में कहा गया है कि समीर वानखेडे सर्तकता जांच का सामना कर रहे हैं और उनके नेतृत्व वाली मुंबई इकाई से कुल छह केस का स्थानांतरण एनसीबी की दिल्ली इकाई को कर दिया है। समीर के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई प्रतिवादी मलिक द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों की सत्यता दर्शाती है। मलिक ने हलफनामे में यह भी कहा है कि ज्ञानदेव ने मौजूदा वाद दायर करके उनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित करने का प्रयास किया है। उन्होंने हाई कोर्ट से इस वाद को खारिज करने का भी अनुरोध किया है।