समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जाति प्रमाण पत्र को लेकर मिले नोटिस पर कही यह बात...

समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जाति प्रमाण पत्र को लेकर मिले नोटिस पर कही यह बात...

मुंबई: पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने अब बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वानखेड़े ने जाति प्रमाण पत्र जांच समिति द्वारा उन्हें जारी उस नोटिस को चुनौती दी है, जिसमें उनसे कारण बताने के लिए कहा गया है कि उनका जाति प्रमाण पत्र जब्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए। वानखेड़ ने 4 मई को उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में दावा किया कि उसे अपना बचाव करने का अवसर दिए बिना नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस अवैध, मनमाना था। उन्होंने बताया कि वह महार समुदाय से आते हैं, जिसे अनूसूचित जाति (एससी) के रूप मान्यता प्राप्त है। जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय उन्होंने कोई गलत दस्तावेज दाखिल नहीं किया और ना ही कोई झूठी जानकारी दी।

29 अप्रैल को मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति ने वानखेड़े को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपों, दस्तावेजों आदि पर विचार करने से यह साबित होता है कि वह मुस्लिम जाति के हैं और मुस्लिम धर्म का पालन करते हैं। नोटिस में वानखेड़े से कारण बताने के लिए कहा गया था कि उनका जाति प्रमाण पत्र जब्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल करने का आरोप लगाने के बाद यह मामला लगातार सुर्खियों में हैं। नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े एक मुस्लिम हैं और उन्होंने खुद को अनुसूचित जाति का बताकर नौकरी हासिल की है। 



लोगसत्ता न्यूज
Anilkumar Upadhyay

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