कार्डियक अरेस्ट की वजह से महिलाओं की मौत होने की संभावना अधिक
कार्डियक अरेस्ट की वजह से महिलाओं की मौत होने की संभावना अधिक
मुंबई, रात के समय महिलाओं को जरा संभलकर सोने की आवश्यकता है, क्योंकि उनका दिल कभी भी दगा दे सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रात के समय कार्डियक अरेस्ट का खतरा अधिक रहता है। इस बात की पुष्टि जर्नल हार्ट रिथम में छपी एक शोध से होती है। इस शोध से पता चला है कि रात में सोते वक्त कार्डियक अरेस्ट की वजह से महिलाओं की मौत होने की संभावना अधिक है। वहीं जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सीएन मंजूनाथ ने भी चेतावनी दी है और कहा है कि हिंदुस्थान दुनिया में २०३० तक हार्ट अटैक का हब होगा। हिंदुस्थान सबसे ज्यादा हृदयाघात से होनेवाली मौतों को दर्ज करने के लिए जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं और यह चिंताजनक है।
देश के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल सर्वुâलेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण की चपेट में आकर एक घंटे के भीतर इंसान को दिल का दौरा पड़ सकता है। बता दें कि चार आम वायु प्रदूषक जैसे सूक्ष्म कण पदार्थ, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड की मौजूदगी एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (एसीएस) को जल्दी से ट्रिगर कर सकते हैं। अध्ययन के मुताबिक हवा में मौजूद प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह सड़कों पर चल रहे वाहन, बिजली के उपकरण और निर्माणस्थलों से उठ रही धूल है। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि वायु प्रदूषण की वजह से दुनियाभर में ४२ लाख लोगों की मौत हो चुकी है। हाल में यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपी एक शोध में दावा किया गया था कि कोविड-१९ संक्रमित मरीजों में महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने से अधिक मौत हुई है, वहीं जर्नल हार्ट रिथम में छपी शोध से अन्य दावों को बल मिला है। इस शोध में बताया गया कि रात के समय कुल मरीजों में २०.६ फीसदी पुरुषों की तुलना में २५.४ फीसदी महिलाओं को कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ता है।