क्राइम ब्रांच को नहीं मिल रहा वॉन्टेट डीसीपी सौरभ त्रिपाठी का सुराग, नए सिम कार्ड का नंबर ढूंढ रही पुलिस ?

क्राइम ब्रांच को नहीं मिल रहा वॉन्टेट डीसीपी सौरभ त्रिपाठी का सुराग, नए सिम कार्ड का नंबर ढूंढ रही पुलिस ?

मुंबई : मुंबई पुलिस आंगडिया केस में वॉन्टेड डीसीपी सौरभ त्रिपाठी के नए सिम कार्ड का नंबर ट्रेस करने की हरसंभव कोशिश कर रही है. मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि निलंबित डीसीपी सौरभ त्रिपाठी की तलाश में मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम लखनऊ व देश के कई अन्य शहरों में कई बार गई है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है.

इस केस में एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में 18 फरवरी को तीन पुलिस स्पेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में तब सौरभ त्रिपाठी का नाम नहीं था. मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि सौरभ त्रिपाठी ने अपना मोबाइल नंबर 18 फरवरी को ही बंद कर दिया था, जिसकी वजह से वह खुद ब खुद शक के घेरे में आ गए. इसके बाद उनका जोन-2 से मुंबई पुलिस मुख्यालय ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन उन्होंने नई पोस्टिंग भी जॉइन नहीं की. इसके बाद इस मामले में गिरफ्तार तीन पुलिस अधिकारियों ने त्रिपाठी के खिलाफ बयान दिए.

मुंबई क्राइम ब्रांच ने तब उन्हें वॉन्टेड दिखाया.  उनके पुराने सिम कार्ड व उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए उन्हें तलाशने की खूब कोशिश की गई, लेकिन क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि त्रिपाठी ने ना केवल अपना सिम कार्ड बंद कर दिया है, बल्कि उन्होंने अपना पुराना मोबाइल भी बदल दिया है ताकि आईएमईआई नंबर से भी उन्हें ट्रेस न किया जा सके. कुछ दिनों पहले क्राइम ब्रांच ने उनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था. मुंबई की आंगड़िया एसोसिएशन ने डीसीपी सौरभ त्रिपाठी पर उगाही का आरोप लगाया था. एसोसिएशन ने कहा था कि त्रिपाठी ने उनसे बिजनेस चलाने के लिए 10 लाख रुपए हर माह देने की मांग की थी. ऐसोसिएशन ने दावा किया कि उनसे आयकर विभाग से शिकायत करने की धमकी देकर उनके  1,820 लाख रुपए से ज्यादा की उगाही की गई.


लोगसत्ता न्यूज
Anilkumar Upadhyay

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