गोरखपुर से चल रहीं पांच ट्रेनें, मुंबई के लिए समर स्पेशल से भी यात्रियों को राहत नहीं

गोरखपुर से चल रहीं पांच ट्रेनें, मुंबई के लिए समर स्पेशल से भी यात्रियों को राहत नहीं

मुंबई : कोरोना संक्रमण के कम होते ही गोरखपुर से मुंबई जाने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। स्पेशल के अलावा पांच समर स्पेशल गोरखपुर जंक्शन से चल रहीं हैं। बावजूद इसके अगले दो सप्ताह तक किसी ट्रेन में सीट खाली नहीं है। वेटिंग भी इतना ज्यादा हो गई है कि टिकट का कंफर्म होना मुश्किल है। तकरीबन एक महीने पहले गोरखपुर से मुंबई जाने वाली सभी ट्रेनें खाली जा रहीं थीं। सिर्फ आने वालों की भीड़ थी। लेकिन अब स्थिति उलटी हो गई हैं। रोजाना जाने वाली ट्रेनों के अलावा मुंबई के पनवेल स्टेशन के लिए गोरखपुर से तीन, छपरा से एक तथा एलटीटी के लिए गोरखपुर से दो समर स्पेशल ट्रेनों का संचलन किया जा रहा है। 

मुंबई तथा आसपास के क्षेत्रों के लिए पूर्वोत्तर रेलवे से 64 ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं, जबकि चार अन्य विशेष ट्रेनें मुंबई के लिए पूर्वोत्तर रेलवे से होकर गुजरती हैं। इसके अतिरिक्त 10 जून से 28 विशेष गाड़ियों का पुनर्संचलन पूर्व में निर्धारत समय एवं ठहराव के अनुसार विभिन्न तिथियों में किया जा रहा है। भविष्य में कुछ और ट्रेनों को चलाने का योजना बनाई जा रही है, इसमें ज्यादातर ट्रेनें मुंबई के लिए चलाई जाएंगी।

बेरोजगारी की मार इंसान को क्या-क्या करने पर मजबूर कर सकती है इस बात का अंदाजा इस खबर से लगाया सकता है. कोरोना महामारी की वजह से इन दिनों लाखों लोग बेरोजगार हैं. हालात ये हो गए हैं कि घर चलाने के लिए वह कुछ भी काम करने पर मजबूर हैं. मुंबई में इन दिनों आईटी इंजीनियर और डबल ग्रेजुएट लोग नाले की सफाई का काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास कोई काम नहीं है. नाले की सफाई से वह जो भी पैसा कमा रहे हैं उससे वह अपने परिवार की मदद कर रहे हैं. बतादें कि बारिश की वजह से इन दिनों मुंबई में नाले ओवर फ्लो हो गए हैं. नालों की सफाई का काम प्राइवेट ठेकेदारों को दिया गया है. ठेकेदार के साथ इन दिनों काफी पढ़े-लिखे लोग काम कर रहे हैं. इसमें डबल ग्रेजुएट समीर भी शामिल है. उन्होंने कहा कि काम तो काम होता है.

समीर ने बताया कि वह पिछले तीन महीने से ठेकेदार के साथ काम कर रहा है. समीर ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि उसने नौकरी तलाशने की काफी कोशिश की लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल सकी. उसने बताया कि कई कंपनियां ही बंद हो गईं और कई में उसे नौकरी नहीं मिली. परिवार का पेट भरने के लिए काम की बहुत ज्यादा जरूरत होने की वजह से उसे इस काम को करना पड़ा.

वहीं अनिल नाम के आईटी इंजीनियर ने बताया की कोरोना की वजह से उनकी नौकरी चली गई. परिवार को चलााने के लिए उनके पास कोई काम नहीं था. वह हर दिन 10 किमी पैदल चलकर आते हैं और नाले की सफाई करते है. वहीं कई और कर्मचारियों ने कहा कि जिंदा रहने के लिए पैसा बहुत जरूरी है. इसीलिए किसी भी काम में शर्म नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब काम ही नहीं है तो उनकी डिग्री किस काम की. उन्होंने कहा कि इस काम को पूरा करने के बाद वह नौकरी की तलाश करेंगे.


लोगसत्ता न्यूज
Anilkumar Upadhyay

Most Popular News of this Week