पनवेल : मनपा ने लगाया 5 साल का संपत्ति कर, दो टैक्स देने का नागरिकों ने किया विरोध

पनवेल : मनपा ने लगाया 5 साल का संपत्ति कर, दो टैक्स देने का नागरिकों ने किया विरोध

पनवेल : पनवेल मनपा के अस्तित्व में आने के पांच साल बाद भी संपत्ति कर को लेकर कोई ठोस योजना तैयार नहीं की गई है। आखिरकार इसी महीने मनपा ने पांच साल का संपत्ति कर लगा दिया है। इससे मनपा के नागरिक काफी नाराज हैं क्योंकि सिडको भी नागरिकों से सेवा कर वसूल रहा है। पनवेल मनपा ने नागरिकों पर सीधे पांच साल के लिए संपत्ति कर लगाकर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। पनवेल नपा को मनपा में तब्दील हुए पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन संपत्ति कर के क्रियान्वयन के लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं की गई है। आखिरकार इसी महीने पनवेल मनपा प्रशासन ने नागरिकों पर संपत्ति कर लगा दिया है। पनवेल मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख ने दावा किया है कि भले ही पांच साल के लिए संयुक्त कर भेजा गया है , लेकिन कर में 30 प्रतिशत की कमी की गई है । पनवेल मनपा प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि 31 जुलाई तक टैक्स भरने पर नागरिकों को 15 फीसदी और ऑनलाइन भुगतान करने पर 17 फीसदी की छूट मिलेगी। मनपा में सत्तासीन भाजपा का मानना ​​है कि शहरवासियों को 30 फीसदी संपत्ति कर में छूट मिली है। 

खारघर फोरम ने दावा किया है कि पनवेल मनपा द्वारा लगाया गया संपत्ति कर नई मुंबई, ठाणे शहर की तुलना में अधिक है। प्रॉपर्टी टैक्स कम करने के लिए सड़कों पर उतर चुका खारघर फोरम अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है। पनवेल मनपा के नागरिक पांच साल में 20,000 रुपये से 80,000 रुपये के संपत्ति कर लगाने से तंग आ चुके हैं। कोरोना के कारण नौकरियां चली गई हैं। इसी हालत में पनवेलकर पर दोहरा टैक्स लगाया गया है जबकि उनका वेतन कम हो गया है। जहां एक ओर सिडको की तरफ से सर्विस टैक्स वसूला जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पनवेल मनपा के संपत्ति कर के नोटिस के चलते नागरिक चिंतित हैं। इसलिए मांग की जा रही है कि या तो सिडको या फिर मनपा को एक ही टैक्स लगाना चाहिए। 



लोगसत्ता न्यूज
Anilkumar Upadhyay

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