कांदिवली : सोसायटी में फर्जी कोविशिल्ड वैक्सीन के मामले में पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
कांदिवली : सोसायटी में फर्जी कोविशिल्ड वैक्सीन के मामले में पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार
जबकि पांचवें आरोपी को मध्य प्रदेश से हिरासत में लेकर पुलिस मुंबई आ रही है
मुंबई : कांदिवली की हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी में रहने वाले 390 लोगों को कथित तौर पर लगाई गई कोविशिल्ड वैक्सीन के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि पांचवें आरोपी को मध्य प्रदेश से हिरासत में लेकर पुलिस मुंबई आ रही है। इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड एक स्कूल ड्रॉपआउट महेंद्र कुलदीप सिंह है।
अडिशनल सीपी दिलीप सावंत ने बताया, ‘30 मई को इस सोसायटी में वैक्सीनेशन कैंप में कोविशील्ड की कथित फर्जी वैक्सीन दिए जाने की शिकायत पुलिस को मिली थी। जांच के दौरान वैक्सीनेशन प्रक्रिया में खामियां मिलीं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। गोपनीय सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर 4 आरोपियों महेंद्र कुलदीप सिंह (39), संजय गुप्ता (34), चंदन सिंह (32) और नितिन मोंडे (32) को धर दबोचा। पांचवें आरोपी करीम अली (21) को मध्य प्रदेश से हिरासत में लिया गया है।’ बीएमसी ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि मुख्य आरोपी महेंद्र सिंह एक दशक से ज्यादा समय तक मलाड मेडिकल असोसिएशन में क्लर्क के तौर पर काम कर चुका है। फिलहाल महेंद्र सिंह को मलाड मेडिकल असोसिएशन से हटाया जा चुकाहै। जानकारी मिली है कि इसने मई और जून के बीच सबसे ज्यादा फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगावाए हैं।
कांदिवली के हीरानंदानी हेरिटेज में 3 सोसायटीज प्रेस्टिना, एस्टोनिया और रीवोना में 435 फ्लैट्स हैं। इनकी मैनेजिंग कमिटी ने 30 मई को कोविड वैक्सिनेशन कैंप के लिए मुख्य आयोजक संजय गुप्ता को इजाजत दी थी। संजय के नेतृत्व में इन आरोपियों ने खुद को लाइफलाइन अस्पताल और नेस्को कोविड सेंटर का प्रतिनिधि बताया। इन्होंने सोसायटी के 390 सदस्यों से प्रति सदस्य 1,260 रुपये के हिसाब से करीब 5 लाख रुपये लिए और टीका लगाया। महेंद्र ने पैसा वसूला, जबकि कथित कोविशिल्ड का इंतजाम करीम के जिम्मे था। टीका लगवाने वालों ने को-विन पोर्टल पर अपने नाम नहीं दिखने और सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर संबधित अस्पतालों से संपर्क किया। अस्पतालों ने कहा कि उनकी तरफ से कोई कैंप नहीं लगाया गया। इसके बाद पीड़ितों ने कांदिवली के विधायक योगेश सागर की मदद से पुलिस में शिकायत की।
फर्जी वैक्सिनेशन रैकेट का शिकार बॉलिवुड भी हुआ है। कुछ प्रॉडक्शन हाउस के कर्मचारियों को हाल में टीका लगा था, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उन्हें कौन सी वैक्सीन लगाई गई। फिल्म निर्माता और टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मालिक रमेश तौरानी ने इस बारे में आगे आकर कहा, ‘हमने अपने 365 कर्मचारियों को 30 मई और 3 जून को टीका लगवाया था, लेकिन उन्हें अब तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने प्रति डोज 1,200 रुपये और जीएसटी देकर टीके लगवाए थे। हमें 12 जून को सर्टिफिकेट मिलने को कहा गया था, लेकिन अभी तक नहीं मिला।’ इसी तरह एक अन्य प्रॉडक्शन हाउस के 150 कर्मचारियों को 29 मई को कोवीशील्ड का पहला डोज दिया गया था। उन्हें दो सप्ताह बाद सर्टिफिकेट मिला, मगर उसमें डोज लेने की तारीख 12 जून लिखी थी।