![](https://logsatta.com//images/featured_image//4a8bdc0de568329a8ca2c5955f8783c6397f718e.jpg)
बेटी के हत्यारे ने किया मजदूर का खून
मुंबई : कहते हैं कानून अंधा होता है, उसके लिए आम-खास, अपना-पराया, छोटा-बड़ा, ऊंच-नीच आदि का भेद नहीं होता है। गुनहगार को उसके अपराध के अनुसार सजा देना कानून का मकसद होता है लेकिन कुछ लोग कानून को सचमुच अंधा मान लेते हैं और अपराध करने से पहले और बाद में कानून की आंख में धूल झोंककर सजा से बचने की योजना बनाते हैं परंतु इस चक्कर में गुनाहों के दलदल में घुसते जाते हैं। सच्चाई यही है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, देर सबेर उसकी मंजिल जेल की कालकोठरी ही होती है। ऐसे ही एक मामले में बेटी की हत्या करने वाला बाप एक और हत्या का आरोपी बन गया।
पैरोल पर छूटा हत्या का एक दोषी दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। उसने कानून को धोखा देने की योजना बनाई और साजिश के तहत एक निर्दोष मजदूर को मौत के घाट उतार दिया। वह मजदूर की लाश को अपनी लाश साबित करवाना चाहता था लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका। कानून के रखवालों ने उसे दोबारा सलाखों के पीछे पहुंचा दिया, एक और बड़े अपराध के साथ। दिल्ली के करावल नगर में रहने वाले सुरेश कुमार ने वर्ष २०१८ में अपनी बेटी का कत्ल कर दिया था। गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था और मामला अदालत में विचाराधीन था। न्यायिक हिरासत में जेल में बंद सुरेश को कोरोना के कारण कुछ महीने पहले पैरोल मिल गई थी। कोरोना का प्रकोप कम होने से अब पैरोल पर छोड़े गए वैâदियों को वापस जेल लौटना पड़ रहा है। नतीजतन जेल प्रशासन द्वारा मिले निर्देश के तहत २२ दिसंबर को सुरेश कुमार को भी जेल जाना था। लेकिन वह दोबारा जेल नहीं जाना चाहता था। इसलिए सुरेश ने अपनी पत्नी की मदद से एक बिहारी मजदूर का कत्ल कर दिया। सुरेश की इस गलती की वजह से उसकी पत्नी भी कानून के शिकंजे में फंस गई।
हुआ ऐसा कि सुरेश ने खुद को मृतक साबित करने की योजना बनाई। उसने अपनी पत्नी अनुपमा के साथ मिलकर एक मजदूर को घर पर काम करने के लिए बुलाया और फिर तय साजिश के तहत अपने घर ही में उसकी हत्या कर दी। उसके बाद मृतक की पहचान छुपाने तथा उसके शव को अपना शव साबित करने के लिए लाश का चेहरा जला दिया। उसने लाश को लोनी थाना क्षेत्र के एक खाली प्लॉट में फेंक दिया था। लोनी पुलिस को जब वह लाश मिली तो उसकी जेब से सुरेश कुमार का आधार कार्ड मिला। उस आधार कार्ड पर लिखे पते पर पुलिस करावल नगर स्थित आरोपी के घर पहुंची जहां आरोपी की पत्नी ने शव को अपने पति का बताया और अंतिम संस्कार कर दिया। इस मामले में पुलिस को कुछ शक होने पर छानबीन की गई और इलाके के सीसीटीवी वैâमरे भी खंगाले गए, जिसमें आरोपी की कद-काठी का व्यक्ति साइकिल पर बोरा रखकर ले जाता नजर आया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के घर पर नजर रखी। १० दिसंबर को आरोपी जैसे ही अपने घर पहुंचा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद मृतक व्यक्ति की पहचान बिहार के गया जिले के रहने वाले डोमन रविदास के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया चारपाई का पाया और साइकिल भी बरामद कर ली है। अब पुलिस ने सुरेश व उसकी पत्नी अनुपमा को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।