स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी पर करोड़ों खर्च के बाद भी अभी तक सिर्फ 3 प्रतिशत मामलों की ही जांच, RTI में हुआ ये खुलासा

स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी पर करोड़ों खर्च के बाद भी अभी तक सिर्फ 3 प्रतिशत मामलों की ही जांच, RTI में हुआ ये खुलासा

मुंबई, लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था ठीक तरह से चले इसके लिए पुलिस दिन रात काम करती है लेकिन कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं जिनमे पुलिस आम लोगों पर अत्याचार करती दिखाई देती है. ऐसे में कई बार आम लोगों की बात सुनने का पुलिस विभाग में कोई माध्यम नहीं होता था. इन्हीं को दूर करने के लिए प्रकाश सिंह जजमेंट के बाद साल 2017 में पुलिस के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (State Police Complaint Authorities) का गठन किया गया. इसी को लेकर RTI एक्टिविस्ट जितेंद्र घाडगे ने RTI के माध्यम से इस कमेटी से जुड़े कुछ सवाल किए.
इसके बाद पता चला कि जब से इस कमेटी का गठन किया गया है, तब से लेकर 2020 तक 1487 शिकायतें ही पुलिस विभाग को मिली हैं. चौंकाने वाली बात यह है की इतनी शिकायतों में से सिर्फ 675 शिकायतों में ही जांच की गई है.
घाडगे ने बताया कि ऐसा लगता है कि सरकार इस कमेटी को लेकर जितनी गंभीर होनी चाहिए उतनी नहीं है. घाडगे ने RTI में पाया कि इतनी शिकायतों के बाद भी महज 22 शिकायतों की जांच के दौरान पुलिस वाले दोषी पाए गए हैं. जिसकी जानकारी इस विभाग द्वारा गृह विभाग को रिपोर्ट बनाकर दी गई है.
घाडगे ने अपनी RTI में यह भी पूछा कि इन 22 लोगों के खिलाफ आगे की क्या करवाई की गई है, जिसपर गृह विभाग ने कोई भी जवाब नहीं दिया. घाडगे ने सवाल उठाया है कि अगर इस कमेटी का सालाना बजट देखा जाए तो वो औसतन 6 करोड़ रुपए है और इस विभाग में जितना ह्युमन रिसोर्स होना चाहिए उतना रिसोर्स अभी नहीं है.



लोगसत्ता न्यूज
Anilkumar Upadhyay

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